Friday, 28 August 2020

सामवेदी श्रावणी उपाकर्म 22 अगस्त, शनिवार को मनाया गया।

 भीनमाल।

सामवेदी श्रावणी उपाकर्म 22 अगस्त, शनिवार को मनाया गया।

ब्राह्मणों का सर्वश्रेष्ठ त्यौहार साम श्रावणी उपाकर्म शनिवार, 22 अगस्त को मनाया गया। वेदविभूषण सामवेदी वैभव त्रिवेदी के आचार्यत्व में सामवेद के घोष से श्रावणी उपाकर्म मनाया गया। प्रकृति की गोद में कल-कल करते झरनों के बीच इन्द्र की उपस्थिति में श्रीमाली ब्राह्मण मण्डल द्वारा प्रायश्चित रूप में हेमाद्रि स्नान संकल्प किया गया। गंगादि नदियों को अघ्र्य देकर मध्याह्न संध्या करके गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र, गोरज, कुशा, फल, सुवर्ण, मृतिका व सर्वोषधि आदि से दशविधि स्नान किया गया। उसी के साथ ब्राह्मणों द्वारा भासादि सामवेद पाठ, ब्रह्मयज्ञ, देव पितृ तर्पण, विष्णु तर्पण और सूर्योपस्थान किया गया।  उसके बाद गोभिलाचार्य, गौतम, भरद्वाज, विश्वामित्र, जमदग्नि, वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि व अरूंधति का ऋषि तर्पण, ऋषि श्राद्ध, प्लव व अरिष्टवर्ग सामपाठ किया गया। त्रिवेदी ने बताया कि  अरुंधति, गोभिल सहित सप्त ऋषियों तथा यज्ञोपवीत का षोडशोपचार पूजन किया गया। उसके बाद नवीन यज्ञोपवीत धारण किये जाते है। 

इस अवसर पर शास्त्री प्रवीण त्रिवेदी, मितेन्द्र बोहरा, रवि ठाकुर, अनिल व्यास, दिनेश ओझा, मुकेश बोहरा, कैलाश बोहरा, शिवाभाई दवे, अनिल ठाकुर, रमेश दवे, आनंदीलाल ठाकुर, शचिकांत, राजु दवे, दिनेश एडवोकेट, निरंजन व्यास, मफतलाल दवे आदि श्रीमाली ब्राह्मण मण्डल उपस्थित थे।

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